Meri Kalam Se

मेरी कलम से

चुपके से आये भारत में, इस प्रलयंकारी तूफ़ान को, अलविदा करो इस धरती से इस "कोरोना" शैतान को। बहुत हो गयी अगवानी यहाँ, बजा बजा कर थालियाँ, मल मल कर धोये हाथों को, अपनों से बनायी दूरियाँ।।   सहमा सहमा हर शख़्स यहाँ, गर्दिश में है सारी दुनिया, बरपा है कोरोना का कहर, कैसे दुःख अपना करें बयां। संस्कारों को भूल गए,...

Kalakaar

कलाकार

दूर है मंज़िल कठिन डगर है थक कर रुक मत जाना राही चलते रहना अविरल गति से जीवन पथ पर, ऐ हमराही तन की पीड़ा मन की उलझन होंगी कईं मुश्किलें सफर में तुम विचलित न होना साथी कट जाएंगी वे भी पल भर में यह दुनिया एक रंगमंच है सब हैं नाटककार यहाँ पर दिल में लाखों ग़म हैं फिर भी बाँट रहे हैं प्यार...