सात स्वर हैं मस्त
“गीत संगीत के बिना, नीरस है सबका जीवन
सरगम के सुर ना छिड़े, तब तक सूना है मन का आंगन
संगीत रचा बसा है कुदरत के, कण कण में
कलाकारों की तो सांसों में और है उनकी हर धड़कन में”
“संगीत सुनकर मिलती खुशी, ये हर लेते सब के ग़म
संगीत करते पीड़ा को कम, संगीत हर ज़ख्म पर मरहम
सा, रे, ग, म, प, ध, नी, सात स्वर होते हैं मस्त
जीवन मे ख़ुश रहने का संगीत ही माध्यम है अलमस्त”
दोस्तों, भोपाल मध्य प्रदेश से मेरे भाई पंकज जैन की इस कविता ने एक बार फिर कोरोना के इस विनाश काल के समय में विश्वास के साथ जीने की आशा को बल दिया है। धन्यवाद पंकज जी।
देखिये दोस्तों, जहाँ एक तरफ इस वैश्विक बीमारी की मार (Lockdown), दूसरी तरफ प्राकृतिक आपदाओं का झंझावात और तीसरे घर पर TV के सामने बैठ कर जब हम News Channel पर सुनते हैं, देखते हैं कि राजनितिक गलियारों में किस तरह शिक्षण, स्वास्थ्य और व्यवस्था को ले कर धूम मची हुई है, एक आम इंसान हर तरफ से मजबूर हो रहा है, यकीं मानिये आखिर में एक संगीत ही है जो हमारे अंदर छिपी हुई कविता, कोमलता और शराफत को जगाता है। पल पल दिल के पास, फूलों के रंग से, आने से उसके आये बहार, लग जा गले, ज़िंदगी मिल के बिताएंगे, किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार जैसे अनगिनत गाने हैं हमारे Fingertips पर। कलाकारों ने इन गीतों को गहरे जज़बातों के साथ गाया है और सुनने पर अपना ही कुछ खोया सा याद आता है।
मैं दाद देना चाहता हूँ उन कलाकारों को जो आज भी अपनी Positive सोच और कोशिश के साथ Virtual Platforms का इस्तेमाल कर गानों के ज़रिये, नए नए concepts के साथ Instrumental Shows के ज़रिये, याने किसी भी तरह से आम इंसान के जज़्बे को कायम रखने की जी तोड़ कोशिश कर रहा है। Motivational गानों के साथ Corona Warriors के सम्मान के लिए भी एक Stage Artiste से ले कर संगीतकार AR Rehman तक का सहारा लिया गया है।
मेरा कहने का मतलब है एक कलाकार की सेंसिटिविटी देखिये, यही एक एहसास पैदा कर सकता है जो हमारे मन को छूता है और हिन्दुस्तान में जो कुछ भी सुन्दर है उसमें से एक संगीत भी है। तो दोस्तों गाते रहिये , मुस्कुराते रहिये और ईश्वर से यही प्रार्थना है।
“चल चलें किसी ऐसी जगह जहाँ कोई ना तेरा हो ना मेरा हो, संगीत की रात हो और बस मुहब्बत का सवेरा हो”
Comment (1)
आपके इस सराहनीय प्रयास में शब्द नही है पास
संगीत की सेवा यूँ करते रहें जब तक तन में सांस