Mukesh Geet Kosh
एक मीठी सौगात:
आप सभी संगीत के चाहनेवालों को मेरी तरफ से शुद्ध देसी नमस्कार। हिन्दुस्तानी संगीत के स्वर्णिम युग की कहानियाँ कभी बासी नहीं पड़ेंगी। और फिर फ़िल्म संगीत और गानों की बात करें तो बस Sleepless Nights और एक मीठा सा दर्दीला एहसास, जो बोलकर नहीं बताया जा सकता, वो इन गानों को डूब कर सुनने पर ही पता चलता है। हम जैसों के लिए इन गीतों की चाहत इसलिए भी है क्योंकि यह एक दौर के गीत थे और वो दौर हमारा था।
बहरहाल, मैं बात करना चाहता हूँ मुकेश साहब की। इनकी आवाज़ और इनके गाने सदा दिल को छूते हैं क्योंकि धुन, शब्द और आवाज़ का ये अनोखा अंदाज़ हमें एक बुनियादी तत्व का एहसास कराता है, फिर चाहे वह सुख हो या दुःख हो। जाने अनजाने यह गीत हमारी ज़िन्दगी का हिस्सा बन गए हैं। मुकेश के गीत बहती हवा से हैं जिन्हें सुन कर हम रोज़मर्रा की तमाम परेशानियों से कुछ पलों के लिए आज़ाद हो सकते हैं।
डम डम डिगा डिगा, हमसफ़र मेरे हमसफ़र, कहीं दूर जब दिन ढल जाए, कभी कभी मेरे दिल में, क्या खूब लगती हो, दिल तड़प तड़प के कह रहा है आ भी जा, इन गानों को शिद्दत के साथ गुनगुनाएं और पाएं अपने आपको राजकपूर, धर्मेंद्र, राजेश खन्ना, फ़िरोज़ खान और दिलीप कुमार साहब की जगह।
दरअसल बात यह है कि वही संगीत सालों-साल जीवित रहता है जनता की जुबां पर जिसका बसेरा हो। और जनता के इन्हीं सपनों को साकार किया है पालघर महाराष्ट्र में जन्में हरीश रघुवंशी साहब ने। अद्भुत उत्साह और लगन का परिणाम आपके सामने है जो अभिनेता, गायक और प्रोड्यूसर मुकेश के गीतों का शानदार सफर “मुकेश गीतकोश” किताब के रूप में। करीब ६७० पन्नों की किताब में आप मुकेश साहब के ५३ वर्ष १ माह और ५ दिनों के बारे जानकारी हासिल कर सकते हैं। अपने ३६ वर्षों के सफर में कुल मिलाकर १०५३ गानों के शब्दों के साथ सारी Details पा सकते हैं। नितिन मुकेश के अलावा अनिल बिस्वास, लता मंगेशकर, तलत महमूद, आनंद बक्शी, कल्याणजी आनंदजी और मन्ना डे साहब के अलावा कईं महान हस्तियों ने इस किताब के लिए अपने उदगार व्यक्त किये हैं। “जहाँ चाह वहाँ राह” पंक्ति को साकार करते हुए विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी ज़िंदगी के करीब-करीब ३५ वर्षों का भोग और उसका परिणाम है “मुकेश गीतकोश” और उसमें ढेर सारे गीतों के गाये अतिरिक्त अन्तरे।
हक़ीक़त तो यह है कि समय की गति से भी तेज चाल परिवर्तन याने की Change की है, ज़रा सा पीछे मुड़कर देखें तो एक युग बीता हुआ सा लगता है। लेकिन जब प्यार संगीत से हो और एक ज़माने की Bonding हो उसका एक और उदहारण “मुकेश गीत कोश” के पब्लिकेशन में कानपुर से श्रीमान हर मन्दिर सिंह ‘हमराज़’ का योगदान आप देख सकते हैं। उनका यह भी मानना है कि आज की तारीख में भी ये गाने हमारे लिए प्यार का इज़हार करने का सबसे आसान और ईमानदार तरीका है क्योंकि जब ये गाने बने तब भी एक चीज थी जिसे कहते हैं ईमान। उस दौर के लगभग हर एक इंसान के कामियाबी की कहानी इसी ईमान से जुड़ी है जिसने अपने काम को अपना धर्म, इबादत और अपना सब कुछ मान कर काम किया।
ख़ैर दोस्तों, अग़र आप संगीत के चाहने वाले हैं तो यह किताब आपके लिए किसी सौगात से कम नहीं। सो आज ईश्वर से यही प्रार्थना करूंगा आप सभी परिवार सहित Safe रहिये Blessed रहिये, गाते रहिये और मुस्कुराते रहिये, क्यूंकि दुनिया का हर इंसान खिले फूल और खिले चेहरों को ही देखना पसंद करता है।
“मुकेश गीत कोश” संकलन के लिए आप आज ही ऑर्डर कर सकते हैं:-
Smt. Satinder Kaur, H.I.G.-545, Ratan Lal Nagar, Kanpur, 208022 U.P.
Mob: +91-941548585281 | +91-9336587507 Email: hamraaz18@yahoo.com
-Dinesh Ghate ‘Jain’
हरीश जी से मेरा परिचय 4 दशकों से भी अधिक पुराना है। तब न तो मेरा कोई हिन्दी फ़िल्म गीत कोश खण्ड प्रकाशित हुआ था और न ही मुकेश गीत कोश का पहला संस्करण। लेकिन हरीश जी ने अपने प्रिय गायक मुकेश के गीतों का संग्रह (गीतों के पूरे पूरे बोल और कैसेट पर उनकी रिकॉर्डिंग) करने में कितनी मेहनत की है, उसे मैं अच्छी तरह जानता हूँ। तब वो बड़ौदा में रहते थे और एक-एक गीत के लिए सैंकड़ों किलोमीटर की यात्रा करने से भी नहीं हिचकिचाते थे। बहुत मेहनत के बाद मार्च 1985 में मुकेश गीत कोश का पहला संस्करण प्रकाशित हुआ था। उसके बाद से ही वे प्रयासरत रहे कि कुछ और गीत मिल जाएँ तो मुकेश के गाये गीतों की संख्या काम से काम 1000 को तो पार कर जाए। ख़ुशी की बात है कि उनके प्रयासों से मुकेश गीत कोश के इस नए संस्करण में शामिल गीतों की कुल संख्या 1,053 हो गयी है। किसी एक गायक के सभी भाषाओं में गाए उपलब्ध सभी गीतों की विस्तृत एवं प्रामाणिक जानकारी को लेकर प्रकाशित होने वाली पुस्तकों में मुकेश गीत कोश अग्रणी है, इसमें ज़रा भी संदेह नहीं। उनके द्वारा संकलित गुजराती फ़िल्म गीत कोश एवं 35 फ़िल्मी हस्तियों को लेकर प्रकाशित पुस्तक इन्हें ना भुलाना भी उनकी कड़ी मेहनत एवं लगन का ही नतीजा है।
–हर मन्दिर सिंह ‘हमराज़‘
संकलक : हिंदी फ़िल्म गीत कोश
मो: +91 9336587507
Comments (3)
મુકેશ ગીત કોષ વિષે ઉપર જે મંતવ્યો આવ્યા તે સચોટ છે.
અને મારૂ માનવું છે કે કોઈ પણ સંગીત પ્રેમી, ચાહે રફી સાહેબનો ચાહક હઔ કે પછી ગમે તેનો આશિક હોય, જરૂર કબુલ કરે છે કે ટકાવારી માં તો મુકેશ જ સૌથી આગળ છે.
હરીશભાઇ, તમે ખરેખર ધન્યવાદ ને પાત્ર છો કે એ જમાનામાં આટલી બધી મહેનત કરી આ કિમતી ગ્રંથ લોકો સમક્ષ મૂક્યો.
-પ્રફુલ્લ
It’s been a rewarding read and have had a great opportunity to have met dear Harishbhai and quite a gentleman with a lot of wonderful knowledge in the Indian musical ground.
बेहतरीन गायकी के दीवानों के लिये हरीश जी का यह शब्दकोश किसी बेशकीमती ख़ज़ाने से कम नही है ।
आपकी लगन को शत शत नमन