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अविस्मरणीय पल

१४ मार्च २०२१, “एक प्यार का नग़मा है”, हास्य कवी सम्मलेन, रंग शारदा, बांद्रा, मुंबई

मैं इस अप्रतिम अविस्मरणीय अवसर को ईश्वर का प्रसाद मानती हूं कि महान गीतकार संगीतकार “श्री संतोष आनंद जी “से भेंट हुई और उनके कर कमलों का आशीर्वाद मिला, बेहद स्वाभिमानी-स्वावलंबी व्यक्तित्व के धनी संतोष आनंद जी के गीतों में जीवन का सार दिखता है, चाहे वह तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है, एक प्यार का नग़मा है, ज़िंदगी की न टूटे लड़ी, चना जोर गरम बाबू में लाया मज़ेदार, मैं तेरे इश्क में मर ना जाऊं कहीं, पुरवा सुहानी आई.. ऐसे अमर गीतों को लिखा है। मैं बहुत ही भाग्यशाली हूं जो मुझे उनसे आशीर्वाद मिला। ईश्वर  उन्हें स्वस्थ रखें, उनका आशीर्वाद हम सब पर बना रहे उनके लिखे हुए गीत हमें आशीर्वाद स्वरुप मिलते रहे ऐसी मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं।

मिनाक्षी श्रीवास्तव – गायिका

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